Tuesday 8 May 2018

Column | Satrangi Batein

सतरंगी बातें


मैं और मेरी पत्नी

मृणाल चटर्जी
अनुवाद- इतिश्री सिंह राठौर


-मैं और मेरी पत्नी दोनों नौकरी करते हैं । सप्ताह में दो बार हम रेस्तोरां में खाते हैं । घर में खा-खाकर बोर हो जाते हैं इसीलिए रेस्तोरां में खाते हैं । वहां समय भी अच्छे से कटता है ।
- हम जब साथ में बाजार जाते हैं तो मैं हमेशा उनका हाथ पकड़ कर चलता हूं । कईं लोग सोचते हैं हमारे बीच बहुत ही गहरा प्रेम है । एक पल भी हम एक-दुसरे से जुदा नहीं रह सकते । दरअसल बात यह है कि उनका हाथ पकड़ना मेरी मजबूरी है । इसका कारण यह है कि बाजार के अंदर उनका हाथ छोड़ दो तो शापिंग माल में वह जाकर साड़ी खरीदना शुरू कर देतीं हैं । आजकल शापिंग माल इतने बड़े-बड़े बनते हैं कि उसके अंदर कोई गया मतलब उसे ढूंढ निकालना बहुत ही मुश्किल  है । बड़े-बड़े शापिंग माल में  कई लोगों को किसी न किसी को परेशान होकर ढूंढते हुए आपने देखा होगा । वह मेरी तरह चिंतित पति हैं । अपनी पत्नियों को ढूंढते रहते हैं ।
- मेरी पत्नी ने रसोई घर में माइक्रोवेव , फूड़प्रोसेसर, इलेक्ट्रिक टोस्टर  आदि रखें है । रसोई के लिए ओर बहुत ही यंत्र हैं लेकिन उन्हें इन सभी का इस्तेमाल करना नहीं आता । इसीलिए हम केवल दाल-चावल खाते हैं । वह जब हमारे घर आई थी तो अपने साथ यह सब सामान लेकर आई थी ।
- एक दिन उन्होंने कहा कि हमारी शादी की सालगिरह में मुझे एेसी जगह ले चलो, जहां मैं बहुत दिनों से नहीं गई । मैं उनका हाथ पकड़कर उन्हें रसोई में ले गया । सच में वह बहुत दिनों से रसोई में नहीं गई थी ।
-मैं अक्सर सोचता हूं कि जिस शर्मीली लड़की से मैंने शादी की थी वह कहां हैं ? अपनी पत्नी में हमेशा वह लड़की खोजने की कोशिश करता हूं लेकिन हमेशा की तरह निराश होता हूं ।
-मैं और मेरी पत्नी हमेशा हंसते रहते हैं । नवघन ने पूछा इसका रहस्य क्या है ? कहीं ओर मुझे यह देखने को नहीं मिलता । फिर मैंने इसका रहस्य उसे बताया । मेरी पत्नी मेरे ऊपर बेलन, गिलास, थाली आदि फेंकती है, मुझे लगने पर वह हंसती है और चूक जाने पर मैं हंसता हूं ।
- जिन लोगों ने अबतक शादी नहीं की उन्हें बता दूं कि तलाक से कैसे दूर रहें । शादी ही तलाक का बड़ा कारण है । शादी नहीं करेंगे तो तलाक नहीं होगा । बहुत ही साधारण सी बात है ।
-अंत में एक सतरंगी बात । एक ज्योर्तिविज्ञानी अपने पूरे जीवन में दुसरे ग्रहों में जीवन का संधान करते रहे । कईं सालों बाद 300 प्रकाश वर्ष दूर से एक ग्रह से उन्हें जीवन का संधान मिला । उन्होंने दूर ग्रह के प्राणी को संदेश भेजा, तुम्हारा ग्रह कैसा है?
पृथ्वी के वैज्ञानिक ने कहा कि हमारे ग्रह का व्यास 12,756 किलोमीटर । निकटस्थ तारा से हमारा ग्रह 9करोड़ 30लाख मील की दूरी पर है । यहां की तापमात्रा 72डिग्री फारेनहाइट है । हम प्रश्वास में अम्लजान लेते हैं । यहां दो तरह के इंसान हैं : पुरुष और स्त्री ।
- उन्होंने पूछा कि आपके ग्रह में नारी और पुरुष के बीच संबंध अच्छे हैं  ? मतलब दोनों में सही से बनता है ?
यह सवाल सुनकर  वैज्ञानिक थोडे से हड़बड़ा गए । उनकी पत्नी उनके पास बैठी थी । उन्हें कहा कि हां यहां दोनों के बीच अच्छे संबंध हैं ।
दुसरे ग्रह के प्राणी ने कहा कि अच्छा, फिर क्या हमारे ग्रह की स्त्रियों को आपके ग्रह में भेज  दें ?
(मृणाल चटर्जी ओडिशा के जानेमाने लेखक और प्रसिद्ध व्यंग्यकार हैं । मृणाल ने अपने स्तम्भ 'जगते थिबा जेते दिन' ( संसार में रहने तक) से ओड़िया व्यंग्य लेखन क्षेत्र को एक मोड़ दिया ।   इनका उपन्यास 'यमराज नम्बर 5003' का अंग्रेजी अनुवाद हाल ही में प्रकाशित हुआ है । इसका प्रकाशन पहले ओडिया फिर असमिया में हुआ । उपन्यास की लोकप्रियता को देखते हुए अंग्रेजी में इसका अनुवाद हुआ है  । ) 
http://www.hindikunj.com/2018/05/mai-aur-meri-patni.html
8.6.18 

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