Thursday, 8 March 2018

Column | Satrangi Batein

 सतंरगी बातें

भविष्य में...
मृणाल चटर्जी
अनुवाद- इतिश्री सिंह राठौर

वर्तमान पर्यावरण में जिस तरह से बदलाव हो रहा है, उसमें और 20-30 सालों बाद हमारी दुनिया का क्या हाल होगा, इस बात ने कईं वैज्ञानिकों को चिंतित किया है गर्मी बढ़ती जा रही है जिस वजह से कहीं बाढ़ से पूरा गांव तबाह हो रहा है तो कहीं सूखा पड़ने से फसल उजड़ रहे हैं और कुछ सालों बाद शायद बांग्लादेश और मारिशस समंदर में लीन हो जाएं और सुंदरवन और भीतरकनिका भी समंदर में तल्लीन हो जाएं इधर रेगिस्तान बढ़ रहा है और उधर पर्यावरण की एेसी हालत के बाद भी विज्ञान की क्रमागत उन्नति हो रही है यह बहुत आश्चर्य की बात है अगर यह गति इसी तरह चलती रही तो हमारी आंखों के सामने बहुत कुछ बदल जाएगा  
    गलत कहा कुछ बदलेगा, कुछ नहीं बदलेगा-बल्कि तबाह हो जाएगा इंसान भी एक अजीब प्राणी है बदलना चाहता है मगर बदलना नहीं चाहता कभी चाहता है कभी नहीं चाहता कुछ क्षेत्रों में चाहता है कुछ क्षेत्रों में नहीं चाहता इन सभी बातों पर अगर ध्यान दिया जाए तो भविष्य का नजारा कैसा होगा?
कुछ नजारें दिखा रहा हूं अगर 2030 तक जिंदा रहे तो देख लीजिएगा कि मेरी कईं बातें सच हुई-
1- लोग इतने अकर्मण्य हो जाएंगे कि खुद दांतों में ब्रश  नहीं कर पाएँगे ब्रश करने के लिए मशीन होगा आप खाली मशीन के सामने दांत दिखाकर खड़े हो जाइए मशीन ब्रश करा देगा आपके चाहने पर दाढ़ी, मूछं और तो और बाल भी काट देगा
2- आप जानते हैं कि आलसी लोग कईं बीमारियों से पीड़ित होते हैं हार्ट में ट्रबल, मधुमेह आदि डाक्टर उन्हें व्यायाम करने की सलाह देते हैं आलस्य के कारण वह व्यायाम नहीं कर पाते एेसे लोगों के लिए व्यायाम मशीन होगा रोबर्ट के जैसा मशीन सोते समय वह मशीन आपको उठाकर व्यायाम करवा देगा आपको पता भी नहीं चलेगा और व्यायाम हो जाएगा  
3- त्वचा के रंग को लेकर लोगों में  बहुत चिंता होती है कईं लोग अपने त्वचा के रंग से खुश नहीं काले लोग गोरा बनना चाहते हैं और गोरे लोग भूरा अब लोग गोरा बनने के लिए फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करते हैं उसके इस्तेमाल से  त्वचा का रंग गोरा हो या नहीं लेकिन  त्वचा संबंधित बीमारियां जरूर हो रही हैं पश्चिमी देश के गोरे लोग खुद को भूरा बनाने के लिए समंदर के किनारे धूप में बैठ रहे हैं इससे उनकी त्वचा खराब होने की बात डाक्टर कह रहे हैं लेकिन भविष्य में यह समस्याएं नहीं रहेगी क्योंकि  कुछ सालों में चिकित्सा विज्ञान का कुछ इस तरह से उद्विकास होगा कि लोग जिस रंग की त्वचा चाहें अपने शरीर में लगा पाएंगे अब जैसे आप बाजार से स्वेटर खरीद रहे हैं, भविष्य में वैसे त्वचा के लिए चमड़ा  खरीदेंगे सिर्फ पांच मिनट में त्वचा का रंग बदल जाएगा
4- अक्सर कहीं बाहर जाने पर आप मोबाइल फोन लेकर जाते हैं। भविष्य में आपको मोबाइल फोन पकड़ने की जरूरत नहीं होगी मोबाइल फोन को आप अंगूठी अथवा कान की बालियों की तरह पहन पाएंगे बिलकुल उतारने की जरूरत नहीं मोबाइल फोन से केवल आप बात नहीं कर पाएंगे बल्कि टिवी देंखेगे, गाने सुनेंगे और इंटनेट में सर्फ भी कर पाएंगे
5- भविष्य में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियां नहीं रहेंगी सौर ऊर्जा और वायु ऊर्जा से गाड़ियां चलेंगी अब जैसे आप कहते हैं कि मेरी गाड़ी में पेट्रोल नहीं उस वक्त कहेंगे मेरी गाड़ी में वायु नहीं  
6- अब आप बड़े-बड़े शहरों में जमीन और घर खरीद रहे हैं, तब चांद और मंगल पर जमीन खरीदेंगे अखबार में विज्ञापन निकलेगा-मंगलग्रह में थ्री-बेड़रूम फ्लैट सस्ती  कीमत पर चांद पर प्लाटेड स्कीम आपकी पत्नी कहेगी, देखिए ! शर्माजी ने मंगल पर एक घर खरीदा है क्या हम नहीं खरीदेंगे? आप जवाब देंगे- 'तनीक ठहर जाओ, बुधग्रह में बेहतर स्कीम निकलेगा, वहीं खरीद लेंगे'
7- अब आप प्रिंटेड किताबें पढ़ रहे हैं भविष्य में आप इलेक्ट्रोनिक किताबें पढ़ेंगे कागज भी इलेक्ट्रॉनिक होगा आप चाहें तो किताब में जो लिखा होगा उसे सुन सकेंगे मैं आपको यह लेख पढ़कर सुनाऊंगा, जब आप चाहें

(मृणाल चटर्जी ओडिशा के जानेमाने लेखक और प्रसिद्ध व्यंग्यकार हैं मृणाल ने अपने स्तम्भ 'जगते थिबा जेते दिन' ( संसार में रहने तक) से ओड़िया व्यंग्य लेखन क्षेत्र को एक मोड़ दिया   इनका उपन्यास 'यमराज नम्बर 5003' का अंग्रेजी अनुवाद हाल ही में प्रकाशित हुआ है इसका प्रकाशन पहले ओडिया फिर असमिया में हुआ उपन्यास की लोकप्रियता को देखते हुए अंग्रेजी में इसका अनुवाद हुआ है   )
5.3.18

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