Monday, 5 February 2018

Column | Satrangi Batein

सतरंगी बातें 2

नेता और अभिनेता

मृणाल चटर्जी

ओड़िया से अनुवाद इतिश्री सिंह राठौर


रविवार को मैं देर से उठता हूं उसदिन  मार्निंग वाक पर भी नहीं जाता मेरा हिसाब बहुत ही सीधा है-सप्ताह में छह दिन वाक, रविवार को आराम भगवान ने  भी शायद सप्ताह में छह दिन इस दुनिया  को बनाने में लगाया होगा और रविवार को आराम किया होगा लेकिन रेस्ट डे का सत्यानाश करने उसदिन सुबह-सुबह नवघन हाजिर हो गया   मेरे घर पहुंच कर मेरी बीवी को दो कप चाय बनाने का आर्डर देकर मुझसे कहता है, मुझे एक रास्ता बता  
-मैं तुझे क्या रास्ता बताऊं ? तू तो सारी दुनिया को पढ़ाता है प्रोफेसर है तू
-देख, प्रोफेसर को भी कभी-कभी पढ़ना पड़ता है कालेजों में जाकर देख, अध्यापक भी लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ते नजर आएंगे
-अच्छा बोल, कौन सा रास्ता बताऊं तुझे ?
-मैं सोच रहा हूं राजनीति करूं कोई पार्टी जॉइन  कर लूं
-हां बिलकुल कर...किसने मना किया है भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है इस देश में सड़क पर मूतने से लेकर केले का छिलका फेंकने तक सबकुछ करने का अधिकार है  
-आजकल रोज नई पार्टिंया बनतीं हैं विचारों को उम्मीदवार नहीं मिल रहे वैसे किसी पार्टी में शामिल हो जा नहीं तो खुद अपनी पार्टी बना ले  
-वैसा नहीं हो सकता किसी बड़ी पार्टी का नेता होने पर कोई फायदा नहीं  
-किसी बड़ी पार्टी का नेता बनने के लिए पहले से ही लम्बी कतारों में खड़े हैं लोग  
-तो मैं क्या करूं...तू उन पार्टियों के नेताओं से मिल आजकल किसी पार्टी में नीचले स्तर पर कुछ नहीं होता जो होता है सभी अालाकमान करते हैं
-यह बात आजकल छोटे बच्चों को भी मालूम है  
-सुन!  एेसा रास्ता  बता कि मुझे टिकट मिल जाए  
नवघन का निराश चेहरा देखकर मैंने सोचा कि उसे कुछ सलाह देना मेरी जिम्मेदारी है उससे मैंने कहा, एक रास्ता है
नवघन ने उत्साहित होकर पूछा , क्या ?
-अच्छा तू कभी टिवी-विभी पर नजर आया है ?
-नहीं
- ड्रामा या थिएटर में कुछ किया है ?
- हां-स्कूल में एक बार नाटक  किया था उसके बाद मुझे किसीने मौका नहीं दिया  
- एक बार किया है ...बस ! उसमें काम हो जाएगा  
- तू जाकर आलाकमान से बोल कि मैं अभिनेता हूं फिर देखना क्या होता है...
- सच कह रहा है...
-और क्या? तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश में तो अभिनेता ही नेता है उत्तर और पश्चिम भारत में भी यह ट्रेंड शुरू हो गया है पश्चिम बंगाल में ममता दीदी ढूंढ-ढूंढ कर अभिनेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रही हैं वहीं ओडिशा में भी आजकल अभिनेता नेता बनना चाहते हैं  
-सही बोल रहा है। मैं भी जाकर कहूंगा कि मैं अभिनेता हूं  
-देख, अभिनेता और नेता में  ज्यादा फर्क नहीं दोनों में नाटक करना जरूरी है असली चेहरा किसे दिखाना है सभी मुखौटा लगाकर घूमते हैं
सबसे बड़ी बात, अभिनेताओं के मुकाबले नेता अच्छा अभिनय भी  कर लेते हैं ...और एक बात भी है लोग अब नेताओं के सड़े हुए चेहरे देख- देख कर थक चुके हैं थोड़ा स्मार्ट चेहरा हो तो आंखों को आराम मिले अभिनेताओं को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी जमी रहेगी  
तभी नवघन ने कहा कि लेकिन मैंने तो ज्यादा अभिनय नहीं किया स्कूल में ड्रामा में एक बार हिस्सा लिया था मैं क्या कर सकता हूं... ?
मैंने कहा तू कर सकता है अरे ! हम सभी कभी कभी अभिनय करते ही हैं तूने शादी की है   तुझे क्या हर बात समझाना जरूरी है ! दुनिया में एेसा कौन शादीशूदा आदमी है जिसने कभी अपनी बीवी के सामने नाटक नहीं किया होगा ! तू कर सकता है बढ़ता जा आगे हम तेरे साथ हैं आलाकमान से जाकर अपनी बात कर नवघन के जाने के बाद मेरी बीवी ने मुझसे पूछा कि तुमने उन्हें चने के झाड़ पर क्यों चढ़ा दिया ? 
-ह्वाट डू यू मिन बाए चने के झाड़ पर चढ़ाना ?  अरे! राजनीति  में शामिल होना हर जिम्मेदार नागरिक का कर्त्तव्य है  
-वह सब फालतू बातें बाद में कीजिएगा। आपका मतलब क्या है...?
-अरे ! तुम समझ नहीं रही अगर बाइचान्स उसे किसी पार्टी ने टिकट दे दिया और उसके बाद वह जीत गया तो, भारत में कुछ भी हो सकता है ! तुम्हें पता है अगर अपनी पहचान वाला कोई विधायक या सांसद बन जाए तो ...कितना फायदा है ...जानती हो, कुछ हो तो सही यह तो कह ही सकते हैं कि मेरा दोस्त सांसद या विधायक है...पूरे इलाके में हमारी धाक बढ़ेगी...

(मृणाल चटर्जी ओडिशा के जानेमाने लेखक और प्रसिद्ध व्यंगकार हैं इनका उपन्यास 'यमराज नम्बर 5003' का अंग्रेजी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है )

http://www.hindikunj.com/2018/02/neta-abhineta.html?m=1

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