Monday, 5 February 2018

Column | Satrangi Batein

सतरंगी बातें

नवघन की पांच बातें


डा. मृणाल चटर्जीओड़िया से अनुवाद- इतिश्री सिंह राठौर



भिखारी : साहब कुछ खाया नहीं हूं सुबह से...खाने के लिए कुछ पैसे दीजिए
नवघन- तेरे पास सौ के छुट्टे हैं ?
भिखारी- मैं भिखारी हूं, सौ रूपये के छुट्टे कहां से लाऊंगा ?                               
अगले दिन
भिखारी  :  कुछ नहीं खाया सुबह से , कुछ पैसे दीजिए...
नवघन तेरे पास सौ  के छुट्टे हैं ?
भिखारी- हां हैं...
नवघन - पहले उसे खर्च कर बाद में भीख मांगना शर्म नहीं तुझे...पास में सौ रुपये हैं और भीख मांग रहा है  

2
नवघन किसी आफिस में काम करता है रामबाबू उसके बॉस  हैं दस सालों तक काम करने के बावजूद नवघन का प्रमोशन नहीं हुआ और ही उसका वेतन बढ़ा इकदिन नवघन रामबाबू के पास गया  
नवघन  : सर ! मैं दस सालों से मन लगाकर काम कर रहा हूं, फिर भी वेतन बढ़ रहा है और ही प्रमोशन हो रहा है...आप मेरा वेतन बढाइए  
रामबाबू- वेतन बढाऊं...लेकिन आपने बिलकुल भी काम नहीं किया  
नवघन- नहीं सर पूरी निष्ठा के साथ मैं काम कर रहा हूं  
रामबाबू-  अच्छा ! साल में कितने दिन होते हैं ?
-365 लीप इयर हो तो 366
-दिन में कितने घंटे ?
-24घंटे
-आप कितने घंटे काम करते हैं ?
-आठ घंटे
-हां, फिर हिसाब करके बताइए आप साल में कितने दिन काम करते हैं ?
नवघन ने हिसाब कर के कहा- सर 122 दिन
-हां...आप रविवार आफिस आते हैं  ?
-नहीं
-और शनिवार  ?
-नहीं
-तब यह हुआ 104 दिन
-122 से 104 घटा दें तो कितना बचता है  ?
-18 दिन
-आपको साल में आठ दिन का सीएल भी मिलता है और कितने दिन बचे  ?
-दस दिन
-आप 15  अगस्त, 26 जनवरी और 2  अक्टूबर समेत  अन्य राष्ट्रीय अवकाशों पर  आफिस आते हैं क्या ?
-नहीं
-एेसे साल में कितनी छुट्टियां रहती है...?
-दस
-तो फिर आपने काम किया कब ? और किस लिए वेतन बढ़ाने की बात कर रहे हैं ? मुझे तो लग रहा है आपका वेतन काटना पड़ेगा...उसदिन से नवघन ने ही वेतन बढ़ाने की बात कही और ही प्रमोशन की...
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3
नवघन ने डाक्टर से कहा,  डाक्टर साहब ! लोग आजकल सबकुछ दान कर रहे हैं कोई रक्तदान कर रहा है तो कोई अंग दान मैं अपना मस्तिष्क दान करना चाहता हूं
डाक्टर- दान करने की बात तो ठीक है...लेकिन दान करने के लिए आपके पास मस्तिष्क है कहां ...
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नवघन ऑटो में अपने घर जा रहा था घर के पास पहुंच कर उसने ऑटोवाले से पूछा, कितने रुपये हुए ?
ऑटोवाले ने कहा-100रुपये
नवघन ने उसे पचास रुपये दिए
ऑटोवाले ने कहा- सर सौ रुपये हुए, आप पचास रुपये क्यों दे रहे हैं ?
नवघन- हां, पचास रुपये ही बनते हैं तुम भी तो बैठकर आए मेरे साथ !  जितना किराया हुआ उसका आधा तो मैंने दिया और आधा तू देगा तेरा किराया मैं क्यों दूं ?
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रामबाबू-  अच्छा, नवघन बताओ तो, सरकार ने लड़कों के लिए वोट देने की सर्वनिम्न आयु 18 और शादी के लिए 21साल रखी है , एेसा क्यों ?
नवघन- सरकार को भी मालूम है कि देश चलाना आसान है लेकिन पत्नी को सम्भालना बहुत ही मुश्किल  


( डा.मृणाल चटर्जी  ओडिशा के जानेमाने लेखक और प्रसिद्ध व्यंगकार हैं इनका उपन्यास 'यमराज नम्बर 5003' का अंग्रेजी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है )
http://www.hindikunj.com/2018/02/neta-abhineta.html?m=1

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