Monday, 17 December 2018

Filmi Chakkar 2: Seminar, Workshop, Screening


Film Appreciation Workshop (14-15 Jan) to be curated and conducted by Dr. Piyush Roy, National Film Writing Award winner.
Seminar (16 Jan): Subject: Political Narratives in Indian Cinema
Book Release: 'Manoranjan Sambadikata' (Entertainment Journalism, a monograph in Odia) produced by IIMC, Dhenkanal,
'Window Sea't 2018 and 'Pathe Prantare' 2018 by Dr. Mrinal Chatterjee (compilation of his weekly columns, published in 2018 in book form
Exhibition:
Cover Page of Odia Film Magazines. Curated by Surya Deo

For details contact: mrinalchatterjeeiimc@gmail.com

आईआईएमसी ढेंकानाल में 'फिल्मी चक्कर-2' का होगा आयोजन
 0 'भारतीय सिनेमा में राजनीतिक कथा' विषय पर होगी राष्ट्रीय संगोष्ठी
0 फिल्म सराहना कार्यशाला का संचालन करेंगे पियूष राय
0 चार सत्रों में होगी राजनीति और सिनेमा से संबंधित विषयों पर चर्चा

ढेंकानाल : भारतीय जन संचार संस्थान(आईआईएमसी), ढेंकानाल में बीते साल की तरह इस बार फिर 'फिल्मी चक्कर' का आयोजन किया जाएगा । 14 से 16 जनवरी 201 9 तक  फिल्मी 'चक्कर -2 नामक' सिनेमा से संबंधित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन होगा । यह आईआईएमसी, ढेंकानाल की रजत जयंति समारोह का हिस्सा है । इस दौरान फिल्म समीक्षा, प्रशंसा तथा फिल्म पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं, पत्रकारों को शामिल होने का मौका मिलेगा ।
फिल्म सराहना कार्यशाला
फिल्मी चक्कर में  दो दिवसीय फिल्म सराहना कार्यशाला का आयोजन होगा जिसका संचालन राष्ट्रीय फिल्म लेखन पुरस्कार विजेता, लेखक तथा शिक्षक डा. पियुष रॉय करेंगे । सिनेमा कला का  रूप है । सभी बेहतरीन कला रूपों की तरह सिनेमाको भी समझने के लिए इसकी बारिकियों को समझने की आवश्यकता है । इसकी तकनीकों को भी समझने की जरूरत है । ,फिल्ली चक्कर, इनी सभी दिशाओं को समझने में मददगार होगा ।   इसके अलावा फीचर और डॉक्यूमेंटरी फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी तथा फिल्म मैगज़ीन की एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा ।
राष्ट्रीय संगोष्ठी
इस दौरान  'भारतीय सिनेमा में राजनीतिक कथा' नामक एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा । इसके लिए शोधकर्ताओं से पेपर्स आमंत्रित किए गए हैं ।  201 9 राजनेताओं का वर्ष होने जा रहा है क्योंकि दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव होने वाले हैं । अंततः इसमें जीत जिसकी भी हो लेकिन  जीतने वाली विचारधाराओं को निस्संदेह लोकप्रिय संस्कृति  प्रभावित करेंगे ।  इस सम्मेलन का लक्ष्य भारतीय राजनेता के आस-पास बदलती छवियों और कल्पनाओं का पता लगाना तथा नेताओं और उनकी विरासतों के 'संरक्षित' चित्रण की समीक्षा करना है । । इस दौरान चार सत्रों के आयोजन किए जाएंगे जिसमें  समकालीन राजनीतिक वृत्तचित्र , राजनेताओं की बदलती छवि, परदे पर विवादों के उपस्थापन पर रचनात्मकता चुनौतियां आदि विषयों पर चर्चा होगी ।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त समीक्षक
डा पियुष रॉय एक आलोचक, स्तंभकार, संचालक, शिक्षक और फिल्म निर्माता हैं। उन्होंने अग्रणी भारतीय दैनिक समाचार पत्रों (द इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स) में वरिष्ठ पदों पर काम किया है । उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय 'भावनात्मक अभिनय  में सौंदर्यशास्त्र' विषयर पर पीएचडी की डिग्री हासिल की है । भारत के राष्ट्रपति द्वारा 60 वें भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2013) समारोह में उन्होंने फिल्मों की सर्वश्रेष्ठ आलोचना के लिए 'विशेष उल्लेख' के साथ सम्मानित किया गया था । उन्हें सर विलियम डार्लिंग मेमोरियल पुरस्कार (2014)  से भी नवाजा गया है । वर्तमान में वह जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु में लिबरल स्टडीज विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।इस दौरान उनकी फिचर फिल्म 'प्लेसर्स प्रीजुइडिस प्राइड: द इंडियन वे ऑफ फिल्ममेकिंग' का प्रदर्शन होगा । 


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