Sunday, 18 June 2017

My stories in Hindi Translation


सड़क हादसे के बाद...
डा. मृणाल चटर्जी
HINDI translation: Itishree Singh Rathore

सिड़ी
मेरे लिए सिड़ी चढ़ना बहुत ही आसान था
लेकिन अब पता चल रहा है कि सिड़ी चढ़ना कितना मुश्किल होता है
सब समय का खेल है
सिड़ी जहां थी वही है
जैसी थी वैसी ही है
बस बदल गया है मेरा वक्त...

डेटल
कल तक डेटल की खूशबू बिकलुक पसंद थी. आज भी पसंद नहीं . कल तक डेटाल के बिना मेरी जिंदगी चलती थी लेकिन आज वह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया है...डाक्टर ने कहा है कि इनफेक्सन से दूरी बनाए रखने के लिए डेटाल जरुरी है.

जूता
मार्णिंग वाक के लिए एक जूता खरीदा था बड़े ही शौक से. 
हादसे के बाद अब में विस्तर पर हूं लेकिन जूता मेरा इंतेजार कर रहा है मार्णिंग वाक पर निकलने के लिए. 

फूल
गमले में फूल का पौधा लगाकार हमारे माली ने उसे आंगन पर रख दिया था. जिस दिन उसने रखा उसी दिन शाम को सड़क हादसे का मैं शिकार हुआ. चार-पांच दिन के बाद मैंने देखा कि पौधा मुरझा चुका गया है . 
माली से पूछने पर उसने कहा, सर पानी तो रोज देता हूॆ
-
तो पौधा कैसे मूरझा गया?
-
आप पांच दिन घर नहीं निकले शायद इसीलिए आपका इंतेजार करते-करते पौधा मूरझा गया.

औकात
सरकारी आस्पताल के ड्रेसिंग रूम पहुंचते ही 
अपनी औकात का पता चलता है.
स्काच से सना खून और देशी शराब मिले खून का रंग एक ही होता है
तभी पता चलता है

हादसा
याद है केवल कुछ अजीब आवाजें
याद है बस सड़क पर पड़े लाल रंग के छींटे
बस एक ही पल बदल गई मेरी जिंदगी
जैसे सीमट गई हो  दस बट्टा आठ के एक कमरे तक
कमरे के बाहर से पहाड़ जैसे आवाज दे रहा हो आने के
जंगल बुला रहा हो
लेकिन मैं चुपचाप बिस्तकर पर |


बाहर  चांदनी रात उदास कट रही हैं.

No comments:

Post a Comment